फ्रांस में अब चलेगा UPI का डंका

अब फ्रांस में भी कर सकेंगे यूपीआई पेमेंट


India's UPI To Be Used In France



भारत के रुपये ने दुनिया में डंका बजा रखा है। इस बीच फ्रांस से पीएम मोदी ने कर दिया बड़ा ऐलान। पीएम मोदी ने बता दिया फ्रांस में अब चलेगा UPI का डंका। फ्रांस में हर भारतीय को पीएम मोदी ने दिया तगड़ा तोहफा साथियों। आने वाले दिनों में इसकी शुरुआत आइफिल टावर से की जाएगी। पीएम मोदी फ्रांस के दौरे पर हैं और इस दौरे पर पीएम मोदी ने भारत के लोगों के लिए एक से बढ़कर एक बड़े ऐलान किए।


 लेकिन UPI को लेकर पीएम मोदी ने बड़ा ऐलान कर बता दिया कि रुपया को इंटरनैशनल करेंसी बनाने के लिए भारत हर वो कदम उठाएगा जो एक विश्व शक्ति करती है। साथियों, भारत फ्रांस पार्टनरशिप को मजबूत करने वाला। एक और सेक्टर है डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर। यह इंडस्ट्री वॉर प्वाइंट और। उसका भी बहुत बड़ा आधार है। आज दुनिया का। आपको ज़रूर गर्व होगा ये सुनकर कि।


 आज दुनिया का। फोर्टी सिक्स परसेंट रीयल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन। भारत में होता है। मैं आपको भी चुनौती देता हूं कि अगली बार भारत में आए। जेब में एक भी पैसा लेना बिना लिए निकल लिए घर से। खाली जेब सिर्फ मोबाइल फोन पर। यूपीआई एप को डाउनलोड करके रख लीजिए। आप पूरा हिंदुस्तान घूमकर गायेंगे। एक नए पैसे कैश की जरुरत के बिना आप अपना गुजारा कर सकते है। आज भारत में बैंकिंग सर्विस ट्वेंटी फोर सेवन एनी टाइम एनीवेयर। 


लोगों के फिंगर टिप पर है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर गवर्नेंस का हिस्सा बन चुका है। भारत का यूपीआई हो या फिर दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म। यह देश में बहुत बड़ा सोशल ट्रांसफॉर्मेशन लाए हैं। और मुझे खुशी है। भारत फैक्स इस दिशा में भी मिलकर काम कर रहते। फ्रांस में भारत के यूपीआई के उपयोग को लेकर भी समझौता हो गया है। अब मैं तो समझौता करके चला जाऊंगा। आगे बढ़ाने का काम आपका है। साथियों। आने वाले दिनों में इसकी शुरुआत। हार्ट फेल टावर से की जाएगी। 



यानी अब भारतीय टूरिस्ट मोबाइल ऐप के जरिए। एफिल टावर में रूपये में भुगतान कर पायेगा। बगदादी जो एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना महामारी और रूस यूक्रेन युद्ध के चलते संकट में फंसी हुई थी, तब उस वक्त पीएम मोदी की अगुवाई में भारत ने रुपये को डॉलर के बाद दूसरी बड़ी इंटरनैशनल करेंसी बनाने की मजबूत पहल की। तारीख की बात करें तो मोदी सरकार ने पिछले साल यानी दो हज़ार 22 के जुलाई महीने में यह पहल शुरू की। इसका टारगेट उन देशों को वैकल्पिक ट्रांजैक्शन सिस्टम उपलब्ध करवाना है, जो अमेरिकी डॉलर की कमी का सामना कर रहे हैं। खैर, आपको क्या लगता है यूपीआई से भारत इस सेक्टर में पछाड़ देगा शक्तिशाली देशों को या फिर नहीं। कमेंट करके जरूर बताएं। इसी तरह की खबरें पढ़ने के releasedate360 को पढ़ते रहें धन्यवाद |

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