भारत की इलेक्ट्रिक गाड़ियों में जंग: Tesla vs BYD vs Indian Car Maker
यानी इस किमत के साथ टेस्ला पूरी मार्केट को हिलाने की तैयारी में है। टेस्ला की इन्हीं प्लानिंग के बीच दुनिया की एक और दिग्गज चीनी कंपनी BYD में भी हलचल मच गई है। इस चीनी कंपनी ने भी अब भारत के बाजार में टेस्ला को टक्कर देने का मन बना लिया है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों के आगे भारत में बड़ा सद्य युद्ध: टेस्ला और BYD की चुनौती
खबरों के मुताबिक चीन की BYD ने भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियां और बैटरी बनाने के लिए 1 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट करने का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा है। कंपनी भारत में एक स्थानीय कंपनी के साथ साझेदारी कर भारत में भी गाड़ियां बनाने का योजना बना रही है। खबरों के मुताबिक BYD ने हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मिलकर एक प्रस्ताव सरकार के पास जमा कराया है। दोनों कंपनियां EV बनाने के लिए एक संयुक्त उद्यम बना रही हैं और इस संयुक्त उद्यम के जरिए BYD भारत की EV मार्केट में बड़ी एंट्री करने की योजना कर रही है।
BYD की योजना भारत में हैचबैक से लेकर लग्जरी मॉडल्स तक अपनी पूरी लाइनअप पेश करने की है। यहां यह भी समझ लीजिए कि बीबीडी दुनिया की सबसे बड़ी चीनी कंपनी है। हालांकि BYD की दो कारें अभी भारत में हैं। इनमें एक एमयूवी और एक एसयूवी है। न्यू BYD की भारत में गाड़ियों की कीमत की बात करें तो इसकी सबसे सस्ती कार BYD एक्स की कीमत 29,00,015 हज़ार रुपए से शुरू होती है। दूसरी ओर BYD ऑटो थ्री की कीमत ₹33,99,000 से लेकर ₹34,49,000 तक जाती है।
लेकिन अब कंपनी सीधे तौर पर भारत के बाजार में टेस्ला को टक्कर देने का मन बना चुकी है और इसलिए 1 अरब डॉलर का तगड़ा इन्वेस्टमेंट करना चाहती है। हालांकि बड़ा सवाल यह भी है कि क्या BYD अपनी कारों के दाम ₹20 लाख से कम रखेगी ताकि टेस्ला को कड़ी टक्कर दी जा सके। तो जाहिर तौर पर भारत के EV कार मार्केट में जंग वाकई बड़ी दिलचस्प होने वाली है। इस मैदान में टाटा, महिंद्रा, होंडा और एमजी मोटर्स पहले से मौजूद हैं और इन कंपनियों में सबसे सस्ती टाटा टियागो ईवी के दाम ₹12.5 लाख से शुरू होते हैं।
एक तरह से देखा जाए तो इस मार्केट में मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है। इसमें एक तरफ टाटा, होन्डा, महिंद्रा और एमजी मोटर्स जैसी कंपनियां हैं और दूसरी तरफ बीबीडी और टेस्ला। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार मार्केट है। पैसेंजर कार मार्केट की बात करें तो इसकी वैल्यू दो हज़ार 21 में 32.70 अरब डॉलर थी। इसके दो हज़ार 27 तक बढ़कर 54.84 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है। दो हज़ार 22 से 2 हज़ार 27 के बीच देश की पैसेंजर कार मार्केट के नौ फीसदी की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है। खैर, आने वाला वक्त भारत की मार्केट के लिए वाकई दिलचस्प होने वाला है। जहां एक तरफ टेस्ला और बीबीडी के बीच जंग होगी, वहीं दूसरी तरफ टाटा होंडा है। महिंद्रा एंड महिंद्रा और एमजी मोटर्स इन्हें टक्कर देने की कोशिश करेंगी।
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