TATA बनाएगा भारत में सबसे शानदार फोन
अब शायद सुनकर आपको अच्छा लगे क्योंकि टाटा ग्रुप लोगों के दिलों में बसता है। खैर अब खबर पर आते हैं। दरअसल आईफोन बनाने वाली ताइवान की कंपनी वेस्टर्न भारत से अपना कारोबार समेटने वाली है। टाटा ग्रुप कर्नाटक में स्थित वेस्टर्न कॉर्पोरेशन की फैक्ट्री का अधिग्रहण कर सकती है। इसकी संभावित कीमत 60 करोड़ डॉलर से ज्यादा बताई जा रही है। इस फैसिलिटी में 10,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं।
जानकारी के अनुसार विस्ट्रॉन कॉर्पोरेशन केवल भारत से कारोबार नहीं समेट। ट्राइबल की कंपनी तो आईफोन बनाने का काम भी छोड़ने का प्लान कर सकती है। हालांकि जहां एक और दुनिया की बड़ी कंपनियां भारत में कारोबार करने के लिए प्लानिंग कर रही हैं, वहीं विस्ट्रॉन भारत से कारोबार समेट रही है। यह कुछ बात हजम नहीं हुई, लेकिन इसका भी जवाब है। दरअसल, ऐपल की टर्म्स के चलते विस्ट्रॉन भारत में प्रॉफिट कमाने में नाकाम रही और स्ट्रगल कर रही है। इनफैक्ट विस्ट्रॉन भारत में ऐपल कारोबार से अब तक पैसा कमा ही नहीं पाई है।
हालांकि कंपनी ने हायर मार्जिन के चलते ऐपल के साथ बातचीत करने की कोशिश की थी, लेकिन ग्लोबल लेवल पर फॉक्सकॉन और टाइगर ट्रोन की तुलना में एक छोटा खिलाड़ी होने के चलते विस्ट्रॉन ऐपल के साथ सौदेबाजी की ताकत नहीं रखती। इसलिए बात बन नहीं पाई और कंपनी को कारोबार समेटना ही सही ऑप्शन नजर आया। आपको बता दें विस्ट्रॉन कंपनी एप्पल के लिए लेटेस्ट आईफोन टीम बनाती है।
चालू वित्त वर्ष में विस्ट्रॉन का जो लक्ष्य है वह भारत में लगी अपनी फैक्ट्री से करीब 8 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन बनाने का है। यानी विस्ट्रॉन कंपनी इस साल तो भारत में रहेगी, लेकिन अगले साल टाटा विस्ट्रॉन की इन प्रतिबद्धताओं को पूरा कर सकती है, क्योंकि टाटा द्वारा कर्नाटक में स्थित विस्ट्रॉन की फैक्ट्री का ही अधिग्रहण किया जाएगा और अधिग्रहण के बाद विस्ट्रॉन। भारत में आईफोन से जुड़ा अपना बिजनेस समिट लेगी। हालांकि टाटा, विस्ट्रॉन और ऐपल के प्रवक्ताओं ने अब तक इस मामले पर किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करी है।
वैसे टाटा की एंट्री ऐपल के लिए काफी फायदेमंद भी साबित होगी। टाटा द्वारा आईफोन की असेंबलिंग से ऐपल को अपने प्रोडक्ट बेस को डायवर्सिफाई करने में काफी मदद मिलेगी। एक और ऐपल भारत के लिए दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में अपने शानदार स्टोर ओपन कर चुकी है तो वहीं दूसरी ओर अब ऐपल को मिल सकता है टाटा का साथ जिसका। जाहिर सी बात है कंपनी को भरपूर फायदा भी मिलेगा।
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