चीन को पछाड़कर भारत बना नंबर 1, India Beats China in Investment

भारत बना पूरी दुनिया के निवेशकों की पहली पसंद


भारत के लोगों के लिए आ गया है बड़े गर्व का मौका। भारत ने पहली बार चीन को पीछे छोड़कर सबसे बड़े निवेश बाजार का दर्जा हासिल कर लिया है। एयरवेज को ग्लोबल सॉवरेन असेट मैनेजमेंट की हालिया रिपोर्ट बताती है कि साल 2023 में भारत पूरी दुनिया के निवेशकों की पहली पसंद बनकर उभरा है, जबकि चीन इस मामले में भारत से कहीं ज्यादा पीछे चला गया है। यह रिपोर्ट दुनिया भर के 142 चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर्स, 85 पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजिस्ट और 57 केंद्रीय बैंकों की ओर से मिली जानकारी के आधार पर तैयार की गई है।


वैसे भारत को सबसे तेज उभरता निवेश बाजार बनाने में कई फैक्टर्स ने बड़ी भूमिका निभाई है। जैसे इन्वेस्टर्स के लिए भारत सबसे तेज बढ़ती डेमोग्राफी है। दूसरा, इनवेस्टर्स के लिए भारत एक फ्रेंडली इनवायरमेंट वाली जगह भी बन गई है। रिपोर्ट में एक बड़ी चिंता भी जताई गई है। दरअसल, निवेशक अगले दशक को लेकर काफी चिंतित हैं। उनकी चिंता की सबसे बड़ी वजह महंगाई और ब्याज दरें हैं। साथ ही, उभरते बाजारों में बॉन्ड और सिक्योरिटीज में निवेश को लेकर चिंता भी जताई गई है। 

भारत चीन को आर्थिक रूप से कैसे हरा सकता है

इन चिंताओं के बावजूद भारत दुनिया में निवेशकों के लिए कैसा है, इस बात पर अगर नजर डालें तो रिपोर्ट बताती है कि साल 2022 में जहां भारत में 66 फीसदी निवेशकों ने भरोसा जताया था, वहीं 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 76 फीसदी हो गया। यह उभरते बाजारों में सबसे ज्यादा है। वहीं अगर आप चीन की ओर नजर डालें तो चीन में पिछले साल 71 फीसदी निवेशक आए थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा गिरकर 51 फीसदी हो गया है। 


india become number 1 in economy
India beat china in economy


इंडोनेशिया ने भी इस साल तेज छलांग लगाई है और उसके पास 44 फीसदी निवेशक गए हैं, जबकि बीते साल यह आंकड़ा महज 27 फीसदी था। यानी कोरुना ने चीन के लोगों के साथ साथ चीन के कारोबारी गतिविधियों को भी बीमार कर दिया है, जिसका इम्पैक्ट अब साफ नजर आने लगा है। हालांकि चीन अकेला नहीं है। इस तरह का नुकसान झेलने वाला यूक्रेन के साथ युद्ध की वजह से इस साल रूस को भी बड़ा नुकसान हुआ है। जाने वाले ग्लोबल इनवेस्टर्स की संख्या में बड़ी गिरावट आई है। 


रूस में पिछले साल जहां 29 फीसदी ग्लोबल इनवेस्टर्स गए थे तो इस साल यह संख्या एक चौथाई से भी ज्यादा गिरकर महज सात फीसदी रह गई है। कुल मिलाकर आप कह सकते हैं कि भारत दुनिया भर में निवेशकों के लिए अब सबसे पहली पसंदीदा जगह बन गई है, निवेश करने के लिए, क्योंकि भारत में निवेश विश्वास के साथ किया जा सकता है और यह बड़ा फैक्टर भारतीयों के लिए गर्व की बात है।

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