JACK MA पर लगा 1 अरब डॉलर का जुर्माना
Ant Group जो पेमेंट फर्म Aliapay का संचालन भी करता है, उस पर चीन ने पहाड़ तोड़ दिया है। उस पर 1 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। इसके पीछे की वजह सुरक्षा कानून और कॉर्पोरेट नियमों का उल्लंघन बताया गया है। यह मामला कॉर्पोरेट गवर्नेंस, उपभोक्ता की सुरक्षा और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी गड़बड़ियों के साथ जुड़ा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना और नेशनल फाइनेंशियल रेगुलेटरी एडमिनिस्ट्रेशन ने एक संयुक्त बयान में कहा कि ग्रुप ने बैंकिंग और बीमा भुगतान, मनी लॉन्ड्रिंग और फंड बिक्री में व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित नियमों को तोड़ा है। वहीं, ग्रुप ने जुर्माने की शर्तों का पालन करने की बात कही है। ग्रुप का कहना है कि वह अपने अनुपालन प्रशासन को और बढ़ाएगा। हाल ही में खबर आई थी कि चीन के अरबपति जैक मा ने हाल में गुपचुप तरीके से पाकिस्तान की यात्रा की थी। इस बात की पुष्टि पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने की थी। दावा किया था कि जैक मा ने कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तान की यात्रा की है।
इसके अलावा पाकिस्तान के बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट यानी बीओआई के पूर्व चेयरमैन मोहम्मद अफसर एहसान ने जैक मा के पाकिस्तान दौरे की पुष्टि करते हुए कहा था कि 29 जून को जैक मा लाहौर आए थे और 23 घंटों तक पाकिस्तान में रहे। इस दौरान जैक मा ने सरकारी अधिकारियों और मीडिया के साथ मिलने से परहेज किया था। वह एक प्राइवेट लोकेशन पर रहे थे और 30 जून को इसी प्राइवेट जेट से निकल गए थे। इसके बाद यह जुर्माने की खबर आई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी तीन साल पहले ही जांच के घेरे में आ गई थी।
जब रिकॉर्ड तोड़ पेशकश की गई थी तो साल दो हज़ार 20 के अंत में कंपनी ने 37 अरब डॉलर का आईपीओ लाने का फैसला टाल दिया। कहा जा रहा था कि इतिहास में सबसे बड़ी शेयर बिक्री बनने की राह पर था। बता दें, अप्रैल 2 हज़ार 21 में एकाधिकारवादी (monopolistic organization) की तरह व्यवहार करने के लिए अलीबाबा पर 2.5 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया था, जो चीन के लिए एक रिकॉर्ड है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना में कम्युनिस्ट पार्टी के बॉस गुओ शोकीन ने जनवरी में बताया कि सरकार की कार्रवाई अनिवार्य रूप से खत्म हो गई है क्योंकि उन्हें आर्थिक विकास, नौकरियों और विदेशों में चीन की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने देने की उम्मीद है।
जैक मा चीन की दिग्गज कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर हैं। इसके साथ साथ वे निवेश व फंड मैनेजमेंट कंपनियों के भी मालिक हैं। जैक मा यून फेन कैपिटल के संस्थापक भी हैं और वे चीन के बड़े परोपकारी कारोबारियों में गिने जाते हैं। मार्च 2 हज़ार 20 में मुकेश अंबानी को पछाड़कर जैक मा एशिया के सबसे बड़े रईस बन गए थे। लेकिन उसी साल अक्टूबर में उनका एक बयान उनके लिए गले की हड्डी बन गया था।
जैक मा ने चीन के बैंकों पर साहूकारों जैसी मानसिकता रखने का आरोप लगाया था। इसके बाद से ही उनकी कंपनियों और अलीबाबा के बुरे दिन आ गए। चीन सरकार ने इनके 37 अरब डॉलर के आईपीओ को बंद कर दिया था। साथ ही अलीबाबा पर भी दो दश्मलव 8 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया था। जैक मा अब सार्वजनिक तौर पर कम ही दिखाई देते हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, उनकी नेटवर्थ अब 33.5 अरब डॉलर रह गई है और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में कठिनाई नौवें पायदान पर खिसक गए हैं। इस साल उनकी नेटवर्थ में 100 30 अरब डॉलर की तेजी आई है। धनयवाद ख़बर पढ़ने के लिए अगर आर्टिकल अच्छा लगे तो शेयर करें।
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